By Sabreen Kausar | theoutreach8.com
हाईलाइट
• गंभीर ने ट्वीट किया- वो परिवार का हिस्सा थीं
• इलाज के दौरान 21 अप्रैल को महिला की मौत
नई दिल्ली: देश में कोरोना वारयस का कहर जारी है। लगातार कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है, वहीं मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। वहीं लोग कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए भी आगे आ रहे हैं। कुछ लोग इस बीच इंसानियत की मिसाल भी पेश कर रहे हैं। इसमें अब एक नया नाम टीम इंडिया के पू्र्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का नाम भी शामिल हो गया है। गौतम गंभीर के घर पिछले करीब छह साल से काम करने वाली महिला की मौत हो गई है। गौतम गंभीर एक मिसाल साबित हो रहे हैं। गंभीर ने स्वयं को जनसेवा में समर्पित कर दिया है। हाल ही में जरूरतमंदों को भोजन और अस्पतालों को किट मुहैया कराने में जुटे हुए हैं।
आइए नजर डालते हैं गौतम गंभीर के कैरियर और ज़िन्दगी से जुड़े कुछ अहम पहलुओं पर।
गौतम गंभीर भारत के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं, जिन्होंने भारत के लिये क्रिकेट के सभी प्रारूप में खेला हैं। बायें हाथ के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने घरेलू क्रिकेट में दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया। इंडियन प्रीमियर लीग में वे दिल्ली डेयरडेविल्स, और कोलकाता नाईट राइडर्स के लिए खेले।उन्होंने 2003 में बांग्लादेश के खिलाफ अपना एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) पदार्पण किया और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगले वर्ष अपना पहला टेस्ट खेला। उन्होंने 2010 के अंत से लेकर 2011 के अंत तक छह वनडे मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की, जिसमें भारत ने सभी छह मैच जीते। उन्होंने 2007 विश्व ट्वेंटी 20 (54 गेंदों में 75 रन) और 2011 क्रिकेट विश्व कप (122 गेंदों में 97 रन) दोनों के फाइनल में भारत की ऐतिहासिक जीत में एक अभिन्न भूमिका निभाई। गंभीर की कप्तानी में, कोलकाता नाइट राइडर्स ने 2012 में अपना पहला आईपीएल खिताब जीता और 2014 में फिर से खिताब जीता।
6 साल से गम्भीर के घर काम कर रही मेड मधुमेह और रक्तचाप से पीड़ित थी जिसका इलाज गंगाराम अस्पताल से चल रहा था। गुरुवार को उनका निधन हुआ। यह खबर सुनकर गौतम गंभीर भावुक नजर आए। नौकरानी उड़ीसा की रहने वाली थी, उसकी लाश को उड़ीसा पहुंचाने का कोई संभव रास्ता नजर नहीं आया तो स्वयं अंतिम संस्कार करके सारे समाज में इंसानियत की एक मिसाल कायम कर दी । उनका भावुक ट्वीट इस बात का सबूत है की गौतम गंभीर एक अच्छे क्रिकेटर होने के साथ-साथ एक अच्छे इंसान भी है।
Taking care of my little one can never be domestic help. She was family. Performing her last rites was my duty. Always believed in dignity irrespective of caste, creed, religion or social status. Only way to create a better society. That’s my idea of India! Om Shanti pic.twitter.com/ZRVCO6jJMd
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) April 23, 2020
गंभीर ने ट्वीट किया-” मेरी बेटियों की देखभाल करने वाली कभी नौकरानी नहीं हो सकती। वह हमारे घर की सदस्य थी ,उनका अंतिम संस्कार करना मेरा कर्तव्य है! मैं जाति,धर्म, पंथ या सामाजिक स्थिति से अलग गरिमा का पक्षधर हूं समाज को बेहतर बनाने का यही एकमात्र सहारा है,देश को लेकर भी मैं यही सोच रखता हूँ! “
Nice☺️👍
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