• 95 वर्ष की आयु में निधन
• स्पेशल प्रस्ताव पास करके 18 साल की उम्र में वकालत करने की इजाज़त दी गयी
• 17 साल की उम्र में ही एलएलबी की डिग्री हासिल कर ली थी
• राम जेठ मिलानी देश के प्रमुख आपराधिक वकीलों में से एक रहे है
वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का रविवार को निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। वह सुप्रीम कोर्ट में एक वरिष्ठ वकील थे। उनकी गिनती देश के चुनिंदा आपराधिक वकीलों में होती है। वह भाजपा की ओर से राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं। राम जेठ मिलानी का उनके 96 वें जन्मदिन से ठीक छह दिन पहले निधन हो गया।
देश के प्रसिद्ध वकीलों में शुमार, तथा ख्याति प्राप्त वकील राम जेठमलानी जी नहीं रहे। पिछले दो हफ्ते से गंभीर बीमार चल रहे जेठमलानी का आज सुबह निधन हो गया।

दिग्गज वकील जेठमलानी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री एवं शहरी विकास मंत्री भी रहे थे। वर्ष 2010 में वह सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी चुने गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
सिंध प्रांत के शिकारपुर में जन्मे जेठमलानी का पूरा नाम राम बूलचन्द जेठमलानी था। उन्होंने विवादित अफ़ज़ल गुरु का केस भी लड़ा था तथा बहुचर्चित जेसिकलाल हत्याकांड में मनु शर्मा के केस को भी हैंडल किया था।
वर्ष 2004 में उन्होंने लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ चुनाव में भी किस्मत आजमाई थी।
उन्होंने मात्र 13 साल की उम्र में ही मैट्रिकुलेशन कर लिया था और 17 वर्ष की आयु में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से एलएलबी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। 18 वर्ष की अवस्था (स्पेशल प्रोविजन) में वह वकील बन गए थे जबकि उस समय वकील बनने की निर्धारित आयु 21 वर्ष थी।
राम जेठमालानी ने जिन मुख्य मामलों में वकालत किया, उनमें नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह और बेनयंत सिंह, हर्षद मेहता स्टार्क मार्केट योजना, हाजी मस्तान केस, हवाला स्कीम, मद्रास उच्च न्यायालय और अफजल गुरु शामिल थे। इसके इलावा जेसिका लाल हत्याकांड, टोजी स्कैम आसाराम मामले में भी शामिल रहे हैं.