नई दिल्ली: सोनिया के साथ बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई कि NEET और JEE को लेकर पहले प्रधानमंत्री के पास जाया जाए या फिर सीधा सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जाए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि समय नहीं रह गया है इसलिए सीधे सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए.
कोरोना संक्रमण के बीच नीट और जेईई परीक्षा होना चाहिए या नहीं. इसे लेकर अब सियासी घमासान भी शुरू हो चुका है. फिलहाल सात राज्य इन दोनों परीक्षाओं के आयोजित कराए जाने के खिलाफ है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के अलावा कांग्रेस समर्थित सरकारों के मुख्यमंत्रियों और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ एक बैठक की. इस बैठक में NEET-JEE Exam के अलावा जीएसटी का मुद्दा भी चर्चा का विषय रहा.
सोनिया गांधी ने जताई नई शिक्षा नीति पर चिंता
बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित घोषणाएं वास्तव में हमें चिंतित कर सकती हैं क्योंकि यह हमारे लिए एक झटका है. छात्रों और परीक्षाओं से संबंधित अन्य समस्याओं का भी ठीक तरह से निपटारा नहीं किया जा रहा है.’
अब सातों राज्य NEET और JEE परीक्षा को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना चुके हैं. हालांकि जब इस बाबत अंतिम फैसला लिया गया तो महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे अपना बयान देकर बाहर जा चुके थे. अब उनकी औपचारिक सहमति ली जानी बाकी है. हालांकि उद्धव सरकार कोरोना संक्रमण के दौर में पहले ही इन परीक्षाओं के विरोध में हैं.
उद्धव बोले, हमें तय करना है कि लड़ना है या डरना है
बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहले हमें तय करना चाहिए कि लड़ना है या डरना है. उद्धव की बात का समर्थन करने हुए ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार बांटने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर रहना चाहिए, नहीं तो देश में कोई और पार्टी रहेगी ही नहीं.
बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिस्सा ले रहे हैं।